अब आपकी जमीन का भी बनेगा आधार कार्ड, जानिए भू-आधार और इसके फायदे – Bhu Aadhaar ULPIN

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Bhu Aadhaar ULPIN : भारत सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है जिसे ‘भू-आधार’ या ‘ULPIN’ (Unique Land Parcel Identification Number) कहा जाता है। यह योजना आपकी जमीन को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए बनाई गई है। आइए इस महत्वपूर्ण योजना के बारे में विस्तार से जानें।

Bhu Aadhaar क्या है?

Bhu Aadhaar एक 14 अंकों की विशेष संख्या है जो हर जमीन के टुकड़े को दी जाएगी। यह संख्या उस जमीन की पहचान होगी, ठीक वैसे ही जैसे आधार कार्ड हमारी पहचान है। इस संख्या में जमीन से जुड़ी सारी जानकारी होगी, जैसे उसका स्थान, मालिक का नाम, और उसका आकार।

भू-आधार की जरूरत क्यों पड़ी?

1. जमीन के झगड़े कम करने के लिए: कई बार लोगों के बीच जमीन को लेकर विवाद होते हैं। Bhu Aadhaar से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सी जमीन किसकी है।

2. सरकारी कामकाज में आसानी: सरकार को जमीन से जुड़े फैसले लेने में मदद मिलेगी। वे आसानी से जान पाएंगे कि कहाँ कितनी जमीन है और उसका मालिक कौन है।

3. ऑनलाइन रिकॉर्ड: सभी जानकारी कंप्यूटर में होगी, जिससे कागजी काम कम होगा और जानकारी ढूंढना आसान होगा।

भू-आधार कैसे काम करेगा?

1. जमीन की नाप-जोख: पहले जीपीएस तकनीक से जमीन का सही स्थान पता किया जाएगा।

2. सीमाओं का निर्धारण: फिर जमीन की सीमाएँ नापी जाएंगी।

3. जानकारी इकट्ठा करना: जमीन के मालिक का नाम, जमीन का उपयोग, और उसका क्षेत्रफल नोट किया जाएगा।

4. डिजिटल रिकॉर्ड: सारी जानकारी कंप्यूटर में डाली जाएगी।

5. Bhu Aadhaar नंबर बनाना: कंप्यूटर अपने आप 14 अंकों का एक नंबर बना देगा, जो उस जमीन का भू-आधार होगा।

भू-आधार में क्या-क्या जानकारी होगी?

1. राज्य का कोड
2. जिले का कोड
3. तहसील या उप-जिले का कोड
4. गाँव का कोड
5. जमीन का खास नंबर

ये सारी जानकारी मिलकर 14 अंकों का एक नंबर बनेगा। यह नंबर जमीन के कागजात पर और कंप्यूटर में दर्ज होगा।

जमीन की सही पहचान और रिकॉर्ड से झगड़े होंगे कम

1. जमीन की सही पहचान: हर जमीन का सटीक नक्शा और उसकी जानकारी होगी। इससे जमीन की पहचान में कोई गड़बड़ी नहीं होगी।

2. झगड़े कम होंगे: जब सबको पता होगा कि कौन सी जमीन किसकी है, तो झगड़े कम होंगे।

3. ऑनलाइन जानकारी: आधार कार्ड से जुड़ने के बाद, लोग अपनी जमीन की जानकारी इंटरनेट पर देख सकेंगे।

4. जमीन का पूरा इतिहास: किसी भी जमीन का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा – कब किसने खरीदा, कब बेचा, यह सब पता चल जाएगा।

5. सरकार को मदद: सरकार को सही जानकारी मिलेगी, जिससे वे बेहतर योजनाएँ बना सकेंगी।

2027 तक सभी शहरों का जमीन रिकॉर्ड कंप्यूटर में होगा

सरकार ने तय किया है कि

1. 2027 तक शहरों की सारी जमीन का रिकॉर्ड कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा।

2. गाँवों और शहरों दोनों जगह यह काम किया जाएगा।

3. राज्य सरकारों को इस काम के लिए पैसे दिए जाएंगे।

4. अगले तीन साल में यह काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

Bhu Aadhaar एक महत्वपूर्ण कदम है जो जमीन से जुड़े कई मुद्दों को हल करने में मदद करेगा। इससे न सिर्फ लोगों को फायदा होगा, बल्कि सरकार भी बेहतर तरीके से काम कर पाएगी। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है जो जमीन से जुड़े रिकॉर्ड को आधुनिक और पारदर्शी बनाएगा।

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अस्वीकरण: हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से एकत्रित की गई है। हम किसी भी राय या दावे का समर्थन नहीं करते हैं। जानकारी की सटीकता के लिए स्वतंत्र रूप से सत्यापन करें।

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